नेपाल में जेन जी का विद्रोह, सरकारों के लिए नया खतरा
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नेपाल विरोध प्रदर्शन |
नेपाल में हाल ही में हुए जेन ज़ी विद्रोह ने दुनिया भर के राजनेताओं को चिंता मे डाल दिया है। इस विशाल विरोध प्रदर्शन ने साबित कर दिया है कि जब जनता सड़क पर उतर आती है, तो बड़ी-बड़ी सत्ता. की रूह कांपने लगती है और उन्हें झुकना पड़ता है। यह घटना दर्शाती है कि डिजिटल क्रांति और Social media के युग में सोशल मीडिया की शक्ति कितनी बढ़ गई है।
विद्रोह के कारण और घटना की वज़ह
काठमांडू के मैगर मंडला में छात्रों और युवाओं ने बिना किसी नेता के एकजुट होकर नेपाल सरकार के खिलाफ विरोध शुरू कर दिया। ये प्रदर्शनकारी सरकार में फैले भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर लगाए गए प्रतिबंधों का विरोध कर रहे थे। जैसे कि नेपाल की सुप्रिम कोट ने वैन लगा दिया था
इस दौरान पुलिस के साथ हुई झड़पों में कई लोग घायल हुए। इस जन आक्रोश के दबाव में, नेपाल के गृह मंत्री को अपना इस्तीफा देना पड़ा। यह एक बड़ी जीत थी जिसने जेनरेशन जेड की ताकत का एहसास दिलाया
सोशल मीडिया की अहम भूमिका
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इस पूरे विद्रोह की सफलता में सोशल मीडिया ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसने पारंपरिक मीडिया के एकाधिकार को तोड़कर जानकारी को आम लोगों तक पहुँचाया। अब हर कोई एक पत्रकार बन सकता है, जिससे मीडिया की शक्ति जनता के हाथ में आ गई है। और. जनता की ताकत का अंदाजा सायद सरकारों को दिलाना जरूरी है
नेपाल सरकार ने जब इस डिजिटल स्वतंत्रता को रोकने की कोशिश की, तो यह उन पर ही भारी पड़ गया। यह घटना लोकतंत्र में डिजिटल माध्यमों के बढ़ते प्रभाव को दर्शाती हैं
भारत और दक्षिण एशिया के लिए सबसे बडा सुझाव
Bighindinews.com सुझाव देता है कि नेपाल की यह घटना केवल एक देश तक सीमित नहीं है। यह दक्षिण एशिया के कई देशों, जैसे श्रीलंका, पाकिस्तान, बांग्लादेश और म्यांमार में बढ़ रहे जन आक्रोश का संकेत है। और सोशल मीडिया की ताकत: कैसे नेपाल में जेन ज़ी ने सरकार को झुका दियाअंत में, यह बताया गया है कि भारत सरकार को भी इन घटनाओं से सबक लेना चाहिए, क्योंकि जेन ज़ी और सोशल मीडिया की ताकत को नज़रअंदाज़ करना मुश्किल है।
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