बिहार में वर्तमान में चल रही राहुल गांधी की 'वोटर अधिकार यात्रा' (Voter Adhikar Yatra)
Rahul gandhi Voter Adhikar Yatra bihar 2025RAHUL GANDHI VOTER ADHIKAR YATRA|
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Rahul gandhi Voter Adhikar Yatra 2025 |
अधिकार यात्रा राहुल गांधी के बिहार अभियान की रणनीति और राजनीतिक महत्ता
बिहार में राहुल गांधी वोटर अधिकार यात्रा (Voter Adhikar Yatra) तेज़ी से एक राजनीतिक चर्चा का केंद्र बन चुकी है। यह यात्रा राज्य के 20 से अधिक जिलों में हो रही है, और 1,300 किलोमीटर की दूरी तय कर केवल 16 दिनों में पटना में समापन करेगी । इस लेख में हम इस यात्रा की पृष्ठभूमि, राजनीतिक रणनीति, और चुनावी प्रभाव का विश्लेषण करेंगे
यात्रा की पृष्ठभूमि और उद्देश्य (Background & Objective)
यह यात्रा Sasaram से प्रारंभ होकर पटना में 1 सितंबर को समाप्त होगी
इसका मुख्य उद्देश्य मतदाता जागरूकता लाना, वोट चोरी (vote theft) के खिलाफ अभियान, और निर्वाचन आयोग की वोटर लिस्ट पुनरीक्षण (SIR) के आरोपों को उजागर करना है
राजनीतिक और रणनीतिक पहलू (Political Strategy)
यह राहुल गांधी का इस वर्ष पांचवाँ बिहार दौरा है जनवरी, फरवरी, अप्रैल, मई और अब अगस्त में जिससे स्पष्ट होता है कि कांग्रेस बिहार को चुनावी रणनीति के रूप में कितना महत्वपूर्ण मान रही है
उन्होंने दलित, OBC एवं EBC वोटरों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया, विशेष रूप से राजगीर और नालंदा जैसे नीतीश कुमार के गढ़ों में
यात्रा में महिला संवाद, शिक्षा न्याय संवाद, और संविधान सुरक्षा सम्मेलन जैसी पहलें भी शामिल हैं, जो अलग-अलग वर्गों से जुड़ने की कोशिश हैं
यात्रा की जन-प्रतिसाद और समर्थन (Public Response & Support)
यात्रा में भारी जनसमर्थन दिख रहा है। राहुल गांधी की बाइक यात्रा और "Vote Chor Gaddi Chhodd जैसे नारे लोगों में जोश भड़का रहे हैं
इसमें तेजस्वी यादव, प्रियंका गांधी, टीएम केसी स्टालिन जैसे राष्ट्रीय नेता भी शामिल हुए, इस यात्रा को संयुक्त INDIA मोर्चे की एक साझा राजनीतिक पहल बना दिया गया है
राहुल गांधी ने बिहारियों की राजनीतिक समझ की खुले दिल से सराहना भी की है: "बिहारियों की राजनीतिक जागरूकता का कोई मुकाबला नहीं
विरोध और विवाद (Opposition & Controversies)
बीजेपी ने यात्रा पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है
इसे ,सीमाएं पार कर देने वाला अभियान, बताया गया है
उन्होंने राहुल पर अपशब्दों और अभद्र भाषा का उपयोग करने का आरोप लगाया, जिसमें पीएम मोदी की माता के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी का मामला भी शामिल है
आयोग को बदनाम करने डीएफएम (डिफेमिंग EC) जैसे आरोप भी लगाए गए हैं
आरएसएस के कार्यकर्ता इस यात्रा को “घुसपैठिया बचाओ यात्रा” कहकर भी आलोचना कर रहे हैं
एक वीडियो में राहुल गांधी द्वारा डॉ. भीमराव अम्बेडकर का अपमान करने का आरोप भी लगा, जिसे बीजेपी ने हंगामा कहा
चुनावी संदेश और संभावित प्रभाव (Electoral Message & Impact)
यह यात्रा कांग्रेस की यह कोशिश है कि बिहार का दलित, पिछड़ा और OBC वोट बैंक मजबूत किया जाए
,बिहारियों की राजनीतिक समझ, और ,संविधान सुरक्षा, जैसे विषयों को छोड़कर राहुल गांधी एक नैतिक-कानूनी अभियान के रूप में इसे प्रस्तुत कर रहे हैं
साथ ही, यह यात्रा आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को फिर से सक्रिय शक्ति बनाने में सहायक हो सकती है
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